रोकूँ तुम्हें तो रुक जाया करो
जो बात मैं लफ़्ज़ों में कह ना पाऊँ,
वो बात बिन कहे ही समझ जाया करो,
मैं जो रोकूँ तुम्हें तो रुक जाया करो।
तुम्हें जितना भी देखूँ, ये दिल नहीं मानता,
इस दिल की बात को तुम समझ जाया करो,
मैं जो रोकूँ तुम्हें तो रुक जाया करो।
तुम्हारे होने से जीवन में नई बहार है,
तुम सावन की फुहार बन बरस जाया करो,
मैं जो रोकूँ तुम्हें तो रुक जाया करो।
सुकूँ मिलता है तुम्हें मुस्कुराता हुआ देख कर,
तुम यूँ ही हमेशा खिलखिला कर मुस्कुराया करो,
मैं जो रोकूँ तुम्हें तो रुक जाया करो।
तेरा मेरा साथ दीया और बाती का है,
तुम मेरा साथ पा कर यूँही जगमगाया करो,
मैं जो रोकूँ तुम्हें तो रुक जाया करो।
जीवन में प्यार की किरण बन आई हो,
"निक्क" मुझमें खशबू की तरह बिखर जाया करो,
मैं जो रोकूँ तुम्हें तो रुक जाया करो।
Seema Priyadarshini sahay
23-Jun-2022 10:35 AM
बहुत खूबसूरत
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nikksinghnikhil
23-Jun-2022 12:56 PM
Thank you
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Abhinav ji
23-Jun-2022 07:48 AM
Very nice
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nikksinghnikhil
23-Jun-2022 12:56 PM
Ji thank you
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Swati chourasia
22-Jun-2022 06:11 PM
बहुत ही सुंदर रचना 👌👌
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nikksinghnikhil
23-Jun-2022 12:56 PM
Thank you
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